ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने आयुक्त, ग्राम्य विकास से वाइब्रेंट विलेज योजना (वीवीपी) की प्रगति रिपोर्ट विस्तृत रूप से प्राप्त की। मंत्री जोशी ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, व्यापक प्रचार-प्रसार और समयबद्ध कार्यवाही के निर्देश देते हुए सीमांत गांवों के समग्र विकास पर जोर दिया।
गणेश जोशी ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण, आजीविका सृजन और आबादी को रोकने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा संचालित वाइब्रेंट विलेज योजना (वीवीपी) के तहत उत्तराखण्ड राज्य में भारत-चीन एवं भारत-नेपाल सीमा से सटे कुल 91 गांवों का चयन किया गया है। योजना का उद्देश्य इन दुर्गम सीमांत गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित कर वहां के नागरिकों को बेहतर जीवन-स्तर, सुविधा और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का सीमांत गांवों के प्रति विशेष लगाव प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि “माणा को देश का अंतिम नहीं, प्रथम गांव बनाने का संदेश प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड के प्रति संवेदनशीलता दर्शाता है। मंत्री जोशी ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना राज्य के दूरस्थ गांवों में आधुनिक सुविधाएं, स्थायी आजीविका, कृषि-बागवानी, सुरक्षित वातावरण और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। योजना के पूर्ण क्रियान्वयन से पलायन पर नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह योजना उत्तराखंड के सीमांत गांवों को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और उन्नत मॉडल विलेज में बदलने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
दिनांक – 19.11.2025

